राजभवन जैविक सब्जी, दूध, खाद और कीटनाशकों के उत्पादन में हुआ आत्म-निर्भर राजभवन जैव विविधता और जैविक खेती का आदर्श प्रस्तुत करे:राज्यपाल टंडन


भोपाल,संवाददाता। अवसर पर प्रमुख सचिव उद्यानिकी एवं खाद्य राज्यपाल लाल जी टंडन ने निर्देशित किया है प्रसंस्करण श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव, कि राजभवन भोपाल और पंचमढ़ी में राज्यपाल के सचिव मनोहर दुबे, आयुक्त आकर्षक और आत्म निर्भर उद्यानों का पर्यटन सह संचालक उद्यानिकी पुष्कर सिंह एवं केन्द्र के रूप में विकास किया जाए। अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे। राजभवन के आगंतुकों को मध्यप्रदेश की टंडन ने कहा कि राजभवन के फल और पुष्प जैव विविधता, आधुनिक जैविक पद्धति से उद्यान आदर्श उद्यान के रुप में विकसित किये बागवानी और फल एवं पुष्प उद्यान की जाएं जो सैलानियों के आकर्षण का केन्द्र लाभकारी और आत्मनिर्भर खेती की बने। उद्ययान निर्माण और संचालन का मूल जानकारी और प्रेरणा प्राप्त हो। उन्होंने कहा हैआधार आत्म निर्भरता हो। उन्होंने कहा सभी कि राजभवन में रासायनिक उर्वरकों का कार्य प्रदर्शनात्मक तरीके से किये जायें ताकि प्रयोग नहीं किया जाए। राजभवन में उपलब्ध उन्हें देखकर दूसरों को जानकारी और कार्य कचरे, गोबर, गो-मूत्र इत्यादि जैविक और करने की प्रेरणा मिलें। आधुनिक, जैविक, प्राकृतिक तत्वों का उपयोग कर कृषि एवं उद्यानिकी पद्धतियों का व्यवहारिक रूप देखने उद्यानिकी फसल के लिये खाद और को मिले। उद्यानिकी फसलों को लाभकारीकीटनाशकों का निर्माण किया जाये। टंडन बनाने के लिए उपयुक्त फल और पुष्प की विश्व पर्यावरण दिवस अवसर पर आयोजित किस्मों को देख सकें। आत्म निर्भरता के लिए संरक्षित खेती के लिए निर्मित पॉली हाऊस जैविक खाद और कीटनाशकों के उत्पादन के शुभारम्भ के बाद उद्यानिकी विभाग के साथ ही भारतीय केचुओं के उत्पादन के अधिकारियों से आज चर्चा कर रहे थे। इस प्रयास भी किये जाएं। वर्तमान वर्मी कम्पोस्ट में उपयोग किए जाने वाले गोशाला में देशी उन्नत नस्लों की गायों का केंचुए केवल गोबर एवं पालन किया गया है। गोशाला दूग्ध उत्पादों की अन्य को खाद में परिवर्तित आवश्यकता की आपूर्ति के साथ ही देशी कर देते हैं। जबकि भारतीय नस्ल सुधार कार्यक्रम का पॉयलट प्रोजेक्ट भी केचुएं कृषि भूमि की है। राज्यपाल को बताया गया कि राजभवन उत्पादकता को बढ़ाने में पॉली हाऊस में वर्षभर सब्जियों का उत्पादन सहयोग करते हैं। देशी केचुएं होगा। पॉली हाऊस में नियंत्रित वातावरण में भूमि में ऊपर से काफी नीचे खेती होने से फसल की उत्पादकता भी कई आने-जाने की प्रक्रिया में गुना अधिक होगी। यह कीट व्याधियों से भी कृषि उपयोग के लिए मिट्टी मुक्त होती है। जैविक सब्जी उत्पादन होगा। को मुलायम कर देते हैं। इसी रसायन और कीटनाशकों के उपयोग को तरह सिंचित क्षेत्र और नियंत्रित करने के लिए संरक्षित और असिंचित क्षेत्रों में जीवामृत पारम्परिक खेती का व्यवहारिक स्वरूप तैयार और घन जीवामृत उर्वरकों किया गया है। नगरीय क्षेत्रों के निवासी इस M का उपयोग भूमि की आधुनिक विधि से अपने घरों पर बिना मिट्टी - उत्पादकता में काफी बढ़ोतरी कर देता है। के भी जरूरत के अनुसार सब्जियाँ उगा निर्माण की प्रक्रिया अत्यन्त सरल है। इसे सकते हैं। राज्यपाल को बताया गया कि गोबर, गोमूत्र के साथ थोड़ा सा बेसन और गोबर, गोमूत्र के साथ थोड़ा सा बेसन और राजभ राजभवन सब्जी, दूध, जैविक खाद और गुड़ मिलाकर एक ड्रम में तैयार किया जा कीटनाशकों के उपयोग में आत्म निर्भर हो गया सकता है। सिंचित क्षेत्र में पानी की नालियों है। रसोई के लिए अधिकांश सब्जियाँ, दूध, से और असिंचित क्षेत्र में सूखा छिड़काव कर घी, दही, छाछ, उर्वरक, कीटनाशक इत्यादि उपयोग में लाया जा सकता है। राज्यपाल बाजार से नहीं खरीदे जायेंगे। ज्ञातव्य है कि टंडन ने कहा कि राजभवन भोपाल और पॉली हाऊस में हाई ब्रिडटमाटर के 150 पौधे पचमढ़ी में बागवानी का उत्कृष्ट स्वरूप रोपे गए हैं। इनसे अनुमानतः 7.5 क्विंटल विकसित किया जाए। इसका विस्तृत प्लान उत्पादन होगा। इसी तरह खीरे के 255 पौधे बनाया जाए। जैविक खेती, जीरो बजट खेती लगाए गए हैं। इनसे 10 क्विंटल उत्पादन होना का व्यवहारिक रुप तैयार करें। यहाँ प्रशिक्षण संभावित है। शिमला मिर्च के 80 पौधे लगे की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाए, जिसे हैं। इनसे करीब ढाई क्विंटल शिमला मिर्च का देखकर रासायनिक कीटनाशकों, उर्वरकों के उत्पादन होगा। उन्होंने बताया कि पत्ती वाली स्थान पर जैविक उत्पादों के उपयोग की हरी सब्जियों का पॉली हाऊस में औसत जानकारी मिले। इनके निर्माण की सरल उत्पादन प्रति वर्ग फीट लगभग दो से तीन प्रक्रिया और कम लागत के विषय में किलोग्राम होता है। राजभवन के पॉली हाऊस व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त हो। राज्यपाल ने कहा में मेथी, पालक, चौलाई, लाल भाजी 146 कि राजभवन की आवश्यकताओं की आपूर्ति 146 वर्ग फीट में और धनिया 292 वर्ग फीट राजभवन के संसाधनों से हो। राजभवन की में लगाई गई है।