भोपाल,संवाददाता। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का मंत्रिमंडल विस्तार एक बार फिर टल गया है। कयास लगाए जा रहे थे कि 2 जून को नए मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है। लेकिन, भाजपा विधायकों में मंत्री पद के लिए मची खींचतान के चर्चे दिल्ली दरबार में पहुंचने के बाद इसे टाला गया है। इधर, चौकाने वाली खबर ये है कि शिवराज मंत्रिमंडल में सिंधिया समर्थक 6 नहीं, 11 पूर्व . विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है। इनमें से 2 पहले ही शपथ ले चुके हैं। इसके अलावा, एंदल सिंह कंषाना, हरदीप सिंह डंग और बिसाहू लाल साहू को भी शपथ दिलाई जाएगी। कुल मिलाकर कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए 22 में से 14 पूर्व विधायक
22 में से 14 पूर्व विधायक मंत्री बनाए जाएंगे
सूत्रों का कहना है कि तय हुए फॉर्मूले के अनुसार, सिंधिया सर्मथक 19 पूर्व विधायकों में से 11 को मंत्री बनाया जाना तय हुआ था। इसमें दो तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को मंत्री बनाया जा चुका है। शेष 9को तो मंत्रिमंडल में शामिल किया ही जाएगा। इसके अलावा कंषाना, डंग और साहू का भी मंत्री बनना तय है। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए 22 में से 14 पूर्व विधायक मंत्री बनाए । जाएंगे। बाकी बचे 8 को भी निगम मंडल में एडजस्ट किया जाएगा।
भाजपा में यहां फंस रहा पेंच
नए चेहरों के नाम पर पार्टी में सहमति नहीं बन पा रही है। बताया जा रहा है कि शिवराज चाहते हैं कि पर्व मंत्री गोपाल भार्गव विधानसभा अध्यक्ष बन जाएं। लेकिन, भार्गव इसके लिए तैयार नहीं हैं। वे मंत्री ही बनना चाहते हैं। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, अरविंद भदौरिया को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने पर तैयार नहीं हैं। जबलपुर में अशोक रोहाणी का नाम पार्टी ने बढ़ाया है, वहीं अजय विश्नोई की भी दावेदारी है। बालाघाट से गौरीशंकर बिसेन की जगह पार्टी अब नई पीढ़ी के रामकिशोर कांवरे को लेना चाहती है। दोनों ही ओबीसी वर्ग से आते हैं। उज्जैन संभाग से पारस जैन की जगह जैन वर्ग से ही चैतन्य कश्यप का नाम पार्टी की ओर से बढ़ाया गया है। इंदौर से ऊषा ठाकुर और रमेश मेंदोला के नाम पर खींचतान चल रही है। विवाद नहीं सुलझा तो मालिनी गौड़ के नाम पर सहमति बनाने की कोशिश की जाएगी। भोपाल से संगठन विष्णु खत्री का नाम बढ़ा रहा है, पर संघ और अन्य दिग्गजों ने रामेश्वर शर्मा की सिफारिश की है। रीवा संभाग से ओबीसी राम खिलावन पटेल और आदिवासी कुंवर सिंह टेकाम के नाम संगठन ने आगे बढ़ाए हैं, लेकिन केदार शुक्ला और गिरीश गौतम की दावेदारी को लेकर दबाव बनाया जा रहा है। शिवराज पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह को फिर मंत्रिमंडल में शामिल करना चाहते हैं, लेकिन पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भूपेंद्र को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने का विरोध कर रहे हैं।