इंदौर/मुंबई। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव के कारण कई भारतीय नागरिक विदेश में फंसे हुए हैं। उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद घूमने गए महाराष्ट के 39 पर्यटक यहां एयरपोर्ट पर फंस गए हैं। कोरोनावायरस की वजह से उनकी वापसी की फ्लाइट रद्द कर दी गई। उधर, फिलीपींस की राजधानी मनीला में भी एयरपोर्ट पर 100 छात्र फंस गए हैं। फिलीपींस सरकार ने छात्रों को 72 घंटों में देश छोड़ने के लिए कहा है। इनमें मेडिकल की पढ़ाई कर रही इंदौर की अन्विता वर्मा भी शामिल हैं। दूतावास से भी मदद नहीं मिल रही : अन्विता अन्विता ने कहा, "यहां फ्लाइट का किराया बहुत ज्यादा हो गया है, फिर भी हमने जैसे-तैसे फ्लाइट बुक की। सड़कों पर कफ्यू जैसा माहौल है। हम किसी तरह एयरपोर्ट पहुंचे। कई घंटों बिठाए रखने के बाद हमें बोर्डिंग पास जारी किए गए। इमीग्रेशन हो जाने के बाद अब हमें कहा जा रहा है कि फ्लाइट नहीं जाएगी। हमारे 40-50 साथी तो एयरपोर्ट के बाहर हैं, जिन्हें अंदर नहीं आने दिया जा रहा। भूखे-प्यासे बैठे हैं। सारी व्यवस्था दम तोड़ रही है। स्थानीय एयरपोर्ट स्टाफ हमें पुलिस के हवाले करने की धमकी दे रहा है। हमारी सरकार से अपील है कि हमें जल्द से जल्द यहां से निकालें।" फिलीपींस से आने वाली ज्यादातर फ्लाइट मलेशिया के रास्ते ही भारत आती हैं। भारत सरकार ने मलेशिया से आने वाली फ्लाइट पर रोक लगाने का निर्णय तो ले लिया, लेकिन आसपास के देशों में फंसे छात्रों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की। दूतावास से मदद न मिलने के कारण करीब 50 से ज्यादा छात्र यहां एयरपोर्ट के बाहर फंसे हैं। कुआलालंपुर में फंसे भारतीय छात्रों और अन्य यात्रियों को एयर एशिया एयरलाइंस के विमानों से निकालने की इजाजत दे दी गई है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट करके यह जानकारी दी। उन्होंने कुआलालंपुर एयरपोर्ट पर इंतजार कर रहे छात्रों की हौसला आफजाई की
फिलीपींस में फंसी इंदौर की मेडिकल छात्रा अन्विता