छत्तीसगढ़ः छापों में मिला 150 करोड़ रुपए का बेनामी लेनदेन 

रायपुर । छत्तीसगढ़ में पिछले कई दिनों से जारी आयकर विभाग की कार्रवाई पर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बयान जारी किया। उसने कहा कि आयकर के छापों से खुलासा हुआ कि राज्य में खनन और शराब करोबार से जुड़े लोगों द्वारा हर महीने सरकारी अधिकारियों को बेहिसाब नकदी' का भुगतान किया जा रहा है। बोर्ड ने दावा किया कि 27 फरवरी को कुछ लोगों, हवाला कारोबारियों तथा बिजनेसमैन के यहां रायपर में 25 परिसरों पर मारे गए छापे के बाद अब तक 150 करोड रुपये के बेहिंसाब लेनदेन' का पता चला है। यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है। बयान में किसी का नाम लिए बिना कहा गया है कि यह कार्रवाई विश्वसनीय इनपुट, खुफिया सूचना और शराब तथा खनन कारोबार से बड़ी मात्रा में बेहिसाब पैसा' कमाने और सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों को ट्रांसफर करने के सुबूत मिलने के आधार पर की गई। साथ ही कहा कि नोटबंदी के दौरान बड़ी मात्रा में नकदी जमा कराई गई, फर्जी कंपनियों और संपत्तियों में अज्ञात के तौर पर बड़ा निवेष किया गया। छापों . के दौरान अनियमितता से जुड़े दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक डाटा जब्त किए गए।


यहां मारा गया छापा  सूत्रों का कहना है कि राज्य के वाणिज्य और उद्योग विभाग में संयुक्त सचिव एकटेजा, पर्व आईएएस और पर्व मख्य सचिव विवेक ढांड और रायपुर कमेयर एजाज ढेबर केयहां आयकर विभाग ने छापा मारा। ढांड छत्तीसगढ़ रियल एस्टेट रेग्यूलेटरी अथॉरिटी के चेयरमैन भी हैं। इसके अलावा शराब कारोबारी अनवर ढेबर और पपू भाटिया के परिसरों पर भी तलाशी की गई। अनवर एजाज के भाई हैं।