नई दिल्ली। सियाचिन, लद्दाख, डोकलाम जैसे ऊंचे क्षेत्रों में तैनात सैनिकों को जरूरत के मुताबिक कैलोरी नहीं मिल पाई। साथ ही उन्हें वहां के मौसम से निपटने के लिए जिस तरह के खास कपड़ों की जरूरत होती है उसकी खरीद में भी काफी देरी हुई। पुराने स्पेसिफि स्पेसिफिकेशन के कपड़े और उपकरण क का दा हुई। पुराने मिलने से सैनिक बेहतर कपड़े और उपकरणों से वंचित रहे। संसद में पेश की सीएजी रिपोर्ट से ये गंभीर मसले सामने आए हैं। सीएजी की यह रिपोर्ट 2017-18 के दौरान की है, जिसे संसद में पेश किया गयासीएजी रिपोर्ट में कहा गया है कि हाई एलटीट्यूट एरिया में सैनिकों के लिए राशन का स्पेशल स्केल उनकी डेली एनर्जी जरूरत को ध्यान में रखकर तय किया जाता है। हालांकि मूल मदों (बेसिक आइटम) के बदले में वैकल्पिक मदों (सब्स्टिट्यूट) को सीमित प्रतिशत और लागत के आधार पर भी ऑथराइज्ड किया गया। बेसिक आइटम की जगह पर महंगे विकल्पों (सब्स्टिट्यूट) को समान कीमत पर सेंग्शन करने की वजह से सैन्य दलों द्वारा ली जाने वाली कैलरी की मात्रा कम हुई।
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