माननीयों का बदला व्यवहार, कार्यकर्ता भौचक


राजनीतिक संवाददाता,भोपाल। प्रदेश में सत्तारुढ कांग्रेस सरकार के मंत्रियों के व्यवहार में अचानक बदलाव आ गया है। मंत्रियों के व्यवहार में आए बदलाव से पार्टी के नेता और कार्यकर्ता भौचक हैंहाल ही रीवा में प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी द्वारा एक कार्यकर्ता के साथ जैसा व्यवहार किया गया, उससे सभी स्तब्ध है। इस घटना पर प्रदेश के सामाजिक न्याय मंत्री लखन घनघोरिया का बयान चौंकाने वाला है। वहीं, कुछ मंत्रियों की अधिकारियों से पटरी नहीं बैठ पा रही है। नतीजतन बैठकों में भी शिकवा-शिकायतें होती रहती हैं। प्रदेश में सरकार बनने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने कई बैठकों के दौरान कार्यकर्ताओं को आश्वस्त किया था कि मंत्रियों द्वारा उनकी बात सुनी जाएगी। प्रभारी मंत्रियों को भी इस तरह के निर्देश दिए गए थे। मगर पिछले सप्ताह रीवा में उच्च शिक्षा और खेल मंत्री जीतू पटवारी द्वारा कार्यकर्ताओं को धक्का देकर बाहर कर दिया गया। इस घटना पर रीवा के प्रभारी मंत्री लखन घनघोरिया से विंध्य के कार्यकर्ताओं को हार के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए यह तंज कस दिया कि वे उसका खामियाजा भुगत रहे हैं। कांग्रेस सरकार के कुछ मंत्रियों का अधिकारियों से तालमेल भी नहीं बैठ पा रहा है। इसमें वन मंत्री उमंग सिंघार, आदिम जाति कल्याण मंत्री ओमकार सिंह मरकाम और खाद्य मंत्री तोमर की उनकी विभाग प्रमुख कम हो गया है। ग्वालियर की व नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह नीलम शमी राव से पटरी नहीं बैठ इमरती देवी व प्रद्युम्न सिंह तोमर तोमर की तो खबरें मंत्रालय के कक्ष पाई।भिंड जिले में रेत के उत्खनन स्थानीय रेत खदानों को लेकर से बाहर भी आने लगी हैं। उमंग को लेकर स्थानीय कार्यकर्ताओं आमने-सामने आ गए हैं। इमरती सिंघार के अपने अपर मुख्य सचिव और नेताओं की शिकायतों पर देवी ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री को एपी श्रीवास्तव से इतनी मतभिन्ता प्रभारी मंत्री आरिफ अकील ने इस बारे में पत्र भी लिखा है। इस रही किफाइलों के आगे बढ़ने की पुलिस की भूमिका पर एसपी बारे में मप्र पीसीसी के संगठन गति पर ही विपरीत असर पड़ने रुडोल्फ अल्वारेस सहित अन्य प्रभारी उपाध्यक्ष चंद्रप्रभाष शेखर का लगा है। ओमकार सिंह मरकाम ने अधिकारियों को लगातार चेतावनी कहना है कि मुख्यमंत्री के सभी एक समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री दी और उसके बाद भी सुधार नहीं मंत्रियों को निर्देश हैं कि न केवल कमलनाथ से ही अपने विभाग की हुआ तो उन्होंने जिले से ही दूरी बना कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बल्कि आम प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी की ली। हालात यह है कि कई महीनों से जनता की समस्याएं सुनें और विधि शिकायत करते हुए कह दिया था कि अकील प्रभार के जिले में नहीं गए सम्मत कार्रवाई करें। अधिकारियों मेरे क्षेत्र के ही काम नहीं हो पा रहे हैं। इधर, कुछ मंत्रियों के बीच भी से तालमेल बैठाकर प्रदेश के हैं। इसी तरह खाद्य-नागरिक आपूर्ति मतभिन्न्ता के चलते बोल-चाल विकास के लिए काम करें।