मरने तक जेल में रहेगा सेंगर, पीड़िता को देगा 25 लाख का मुआवजा

नई दिल्ली,एजेंसी। उत्तर प्रदेश के उन्नाव में नाबालिग निवासी अवधेश तिवारी अगवा कर ले गए। करीब से दुष्कर्म मामले में दोषी करार भाजपा से आठ महीने बाद किशोरी मिली तो उसने परिजनों निष्कासित विधायक कुलदीप सेंगर को अदालत ने को आपबीती बताई। पीडिता की मां ने माखी थाने उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने कहा है कि में रिपोर्ट दर्ज कराई लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। कुलदीप सेंगर मृत्यु होने तक जेल में रहेगा। पीड़िता की मां ने गांव के ही रहने वाले विधायक इसके साथ ही कुलदीप सेंगर को पीड़िता को 25 कुलदीप सिंह सेंगर पर और पड़ोस की एक लाख का मुआवजा भी देना पड़ेगामहिला शशि सिंह के जरिए मामले में बीते सोमवार को दिल्ली की बहाने से घर बुलाकर दुष्कर्म तीस हजारी कोर्ट ने विधायक को और इसके बाद उसके गुर्गों पर नाबालिग से दुष्कर्म का दोषी पाया था। सामूहिक दुष्कर्म का आरोप मंगलवार को सजा पर बहस पूरी न लगाया था। 11 जून 2017 होने पर न्यायालय ने 20 दिसंबर को पीड़िता ने न्यायालय की शरण सजा पर बहस की तारीख तय की ली और 156/3 के तहत थी सेंगर ने जो भी किया, वह मुकदमा दर्ज किया गया। जिसमें बलात्कार पीड़िता को डराने-धमकाने विधायक और सह आरोपी महिला के लिए किया। सेंगर को जुर्माना शशि सिंह का नाम पुलिस ने महीने भर के भीतर ही भरने का बाहर कर दिया। जारी है। 3 निर्देश दिया गया है। हमें नरमी अप्रैल 2018 पीड़िता का पिता दिखाने वाली कोई परिस्थिति नहीं दिखी, सेंगर दिल्ली से पेशी पर आया था। तारीख पेशी के बाद लोक सेवक था, उसने लोगों से विश्वासघात किया। वह अपनी मां को दवा देने गांव गया था। तभी अदालत ने पीड़िता और उसके परिवार की सुरक्षा विधायक के भाई व अन्य लोगों ने उसके साथ बढ़ाने और सुरक्षित घर मुहैया करवाने के लिए मारपीट की। 3 अप्रैल विधायक पक्ष के टिंकू सिंह सीबीआई को दिया आदेश। 4 जून 2017 को की तहरीर पर माखी थाना पुलिस ने किशोरी के माखी गांव से एक 17 साल की किशोरी को गांव पिता पर आर्मस एक्ट में रिपोर्ट दर्ज कर दी। पुलिस के ही शुभम व उसका साथी कानपुर चौबेपुर ने उसके पास से एक तमंचा भी बरामद दिखाया।