भारत के 4 जवानों की हालत गंभीर
लद्दाख, एजेंसी। भारत और चीन के सैनिकों के बीच गालवन घाटी में हुई झड़प का मामला बढ़ गया है। न्यूज एजेंसी ने बुधवार को सूत्रों के हवाले से कहा कि चीन के 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए हैं, जिनमें यूनिट का कमांडिंग अफसर भी शामिल है। यह अफसर उसी चीनी यूनिट का था, जिसने भारतीय जवानों के साथ हिंसक झड़प की। भारत के 4 जवानों की हालत गंभीर बताई जा रही है। 15-16 जून की दरमियानी रात को गलवान घाटी में हुई झड़प में भारत लाठियों और धारदार चीजों से किया गया। के कमांडिंग अफसर समेत 20 जवान उसी गालवन वैली में, जहां 1962 की शहीद हो गए थे, 135 जख्मी हैं। झड़प के जंग में 33 भारतीयों की जान गई थी। करीब 36 घंटे बाद पहली बार भारत की उधर, भारत ने चीन की तरफ हुई बातचीत तरफ से बयान जारी हुआ। रक्षा मंत्री इंटरसेप्ट की थी। इसके मुताबिक, चीन के राजनाथ सिंह ने का कि गालवन में सैनिकों 43 सैनिक हताहत होने की खबर है, ने अदम्य साहस दिखाया। देश उनकी लेकिन चीन ने यह कबूला नहीं है। शहादत हमेशा याद रखेगा। तीन घंटे चली 20 अक्टूबर 1975 को अरुणाचल प्रदेश यह झड़प दुनिया की दो एटमी ताकतों के के तुलुंग ला में चीन ने असम राइफल की बीच लद्दाख में 14 हजार फीट ऊंची पैट्रोलिंग पार्टी पर धोखे से एम्बुश लगाकर गालवन वैली में हुई। यह हमला पत्थरों, हमला किया था। इसमें भारत के 4 जवान दफ्तरों में घुसा कोरोना; सरकार ने देश में शहीद हुए थे। इसके 45 साल बाद चीन बॉर्डर पर हमारे सैनिकों की शहादत हुई है। सेना के सूत्रों ने बताया कि 15 से 20 सैनिक लापता हैं। इनमें से कुछ चीन के कब्जे में हैं। चीन रुक-रुककर भारतीय सैनिकों के शव भेज रहा था। कुछ सैनिक नदी में गिर गए हैं, जिनके शव मिल रहे हैं। लाइन ऑफ एक्नुअल कंट्रोल पर चीन के हेलिकॉप्टरों का मूवमेंट बढ़ गया है। वह अपनी सेना के हताहतों को एयरलिफ्ट कर रहा है।
गोली लगने से शहीद हुए तीन सैनिक
सूत्रों के मुताबिक, 20 में से 3 सैनिक गोलियां लगने से शहीद हुए। 45 जवानों को बंधक बनाया गया और इनमें से 25 को छोड़ दिया गया। इससे पहले सेना ने आधिकारिक बयान में कहा था कि दोनों सेनाएं अब पीछे हो चुकी हैं। लाइन ऑफ ड्यूटी के दौरान भारत के 17 सैनिक गंभीर रूप से घायल हुए थे। वे शून्य से भी कम तापमान में ऊंचाई वाले इलाकों थे। इस वजह से उनकी जान चली गई। जो शहीद हुए हैं, उनमें 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू शामिल हैं। दो अन्य नामों की पुष्टि हुई है। ये हैं- हवलदार पालानी और सिपाही कुंदन झा। बाकी नाम अभी सामने नहीं आए हैं।