भोपाल सहित पूरे प्रदेश में फीवर क्लीनिक्स को और अधिक प्रभावी बनाया जाए
मुख्यमंत्री चौहान ने कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा की
भोपाल, संवाददाता। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण रोकने एवं मृत्यु दर न्यूनतम करने के लिए आई.आई.टी.टी. (आईडेंटिफाई, आयसोलेट, टेस्ट एण्ड ट्रीटमेंट) रणनीति का प्रभावी क्रियान्वयन जारी रहे। वर्तमान में लॉकडाउन खुल जाने के कारण नए कोरोना संक्रमित मरीज आ रहे हैं, थोड़ी सी भी असावधानी संक्रमण बढ़ा सकती है। सभी कलेक्टर को निर्देश दिए गए कि अपने-अपने जिलों में पूरी सावधानी एवं सतर्कता के साथ रणनीति पर कार्य करें। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि भोपाल सहित पूरे प्रदेश में फीवर क्लीनिक्स को प्रभावी बनाया जाए। मुख्यमंत्री चौहान मंत्रालय में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, डीजीपी विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान, प्रमुख सचिव संजय शुक्ला उपस्थित थे। वल्लभ भवन लिया जाकर तुरंत जाँच कर दोषियों के विरूद्ध के एक कर्मचारी की कोविडसे मृत्यु के मामले कार्यवाही करने के निर्देश दिए। एसीएस हैल्थ में बताया गया कि वह जेपी अस्पताल के फीवर सुलेमान ने बताया कि मध्यप्रदेश की कोरोना क्लीनिक में गया था तथा वहाँ से उसे दवा देने पॉजिटिविटी रेट 4.42 प्रतिशत है, जबकि पूरे के बाद वापस भिजवा दिया गया, उसका टेस्ट देश की 5.51 प्रतिशत है। हमारी रिकवरी रेट नहीं किया गया। बाद में गंभीर रूप से बीमार 68.8 प्रतिशत है, जबकि पूरे देश की 49.1 होने पर वह दोबारा अस्पताल आया, परंतु उसे प्रतिशत है। प्रदेश के 22 जिलों में 10 से कम उपचार के बावजूद भी बचाया नहीं जा सका। कोरोना के मरीज है तथा 04 जिले अलीराजपुर, मुख्यमंत्री चौहान द्वारा प्रकरण को गंभीरता से होशंगाबाद, सिवनी और सीहोर कोरोना मुक्त है।
महाविद्यालयों में 29 जून से 31 जुलाई के मध्य होंगी परीक्षाएँ
भोपाल । प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के क्षेत्राधिकार में आने वाले महाविद्यालयों में 29 जून से 31 जुलाई 2020 के मध्य स्रातक अंतिम तथा स्नातकोत्तर चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षाएँ आयोजित की जाएंगी। इन परीक्षाओं के परिणाम अगस्त माह में ही घोषित कर दिए जाएंगे। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा कोविङ-19 के दृष्टिगत विश्वविद्यालयीन परीक्षाओं के सफलतापूर्वक संचालन के लिए सभी कुलसचिव, प्राचार्य, परीक्षा केंद्र अधीक्षक और परीक्षार्थियों के लिए दिशा-निर्देश किये गए हैं। विश्वविद्यालय को कोविङ-19 के संदर्भ में मानव संसाधन विकास मंत्रालय विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, केंद्र एवं राज्य शासन द्वारा समय-समय पर जारी निर्देश का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा। यदि कोई परीक्षार्थी परीक्षा आरंभ के समय विश्वविद्यालय के क्षेत्राधिकार वाले स्थलों पर निवासरत न होने के कारण जून-जुलाई 2020 से आयोजित होने वाली परीक्षा से वंचित होता है।