मध्यप्रदेश की सियासी हलचल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, बेंगलुरू में दिग्विजय का सत्याग्रह


राजनीतिक सवांददाता, भोपाल। मध्य प्रदेश की सियासी हलचल बेंगलुरू तक पहुंच गई है। सुप्रीम कोर्ट को आज फ्लोर टेस्ट पर फैसला सुनाना है लेकिन उससे पहले ही मध्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह बेंगलुरू पहुंच धरना दिया। बेंगलुरू पुलिस ने उनको तुरंत हिरासत में ले लिया है। उसके बाद उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया। रिहा होने के बाद दिग्गी कमीश्नर से मिलने उनके कार्यालय गए। इस दौरान उन्होंने कहा कि वो अपने बागी विधायकों से मिलने आए हैं और वो उनसे मिले बिना नहीं जाएंगे। पुलिस और सरकार पर दिग्गी का आरोप दिग्विजय सिंह ने कहा कि मुझे मिलने मिलने क्यों नहीं दे रहै। मुझे कम से कम मेरे कांग्रेस के विधायकों से मिलने दें। वे जहां वोट देना चाहें दें, लेकिन मुझे मिलने तो दें। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि कर्नाटक पुलिस हमें स्थानीय डीसीपी ऑफिस लायी है। हमारी माँग है कि भाजपा की कैद में रह रहे हमारे विधायकों से हमें मिलने दिया जाए। जब तक हमारी मुलाकात अपने विधायकों से नहीं होगी, मैं अनशन की घोषणा करता हूँहूँ। हमारे देश में लोकतंत्र हैडिक्टेटरशिप नहीं।


अब मैं भूख हड़ताल पर हूँ   कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को बेंगलुरु के अमताहल्ली पुलिस स्टेशन में हिरासत में रख गया है। उनके साथ कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार, मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेता सज्जन सिंह वर्मा और कांतिलाल भूरिया भी हैं। दिग्विजय सिंह का कहना है कि वह अब भूख हड़ताल पर हैं।


राजनीतिक संवाददाता, भोपाल। मध्य प्रदेश में पिछले कई दिनों से जारी सियासी ड्रामे का परिणाम क्या होगा, इसकी कुछ झलक आज दिखाई पड़ सकती है। शिवराज सिंह चौहान की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर रहा है. बीजेपी नेता ने अदालत में गुहार लगाकर कमलनाथ सरकार का बहुमत परीक्षण जल्द करवाने की मांग की हैइस मामले में दोपहर बाद फिर सुनवाई होगी। उधर, दिग्विजय सिंह ने बेंगलुरू में सत्याग्रह शुरू कर दिया है। मध्य प्रदेश में जारी सियासी घमासान के बीच बुधवार मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। कांग्रेस की तरफ से कपिल सिब्बल ने जवाब देने के लिए वक्त मांगा है। राज्यपाल की ओर से दो बार आदेश दिए जाने के बाद भी कमलनाथ सरकार ने बहुमत परीक्षण नहीं कराया। इसके खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और 9 भाजपा विधायकों ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है। इस पर अदालत ने सभी पक्षकारों राज्यपाल लालजी टंडन, मुख्यमंत्री कमलनाथ और विधानसभा स्पीकर एनपी प्रजापति को नोटिस देकर 24 घंटे में जवाब मांगा थाइस बीच, कांग्रेस ने भी एक अर्जी लगाई और बेंगलुरु में ठहरे 22 बागी विधायकों को वापस लाने का निर्देश देने की मांग की। मंगलवार की सुनवाई में मध्य प्रदेश सरकार और कांग्रेस के पक्षकार मौजूद नहीं थे। तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हम दूसरे पक्ष को भी सुनेंगे। इसके बाद अदालत ने सभी पक्षकारों को ईमेल और वॉट्सऐप के जरिए नोटिस भेजे थे। इसके साथ ही ईमेल पर बागी विधायकों की अर्जी और याचिका की कॉपी भी पक्षकारों को भेजी गई। भाजपा की तरफ से पैरवी करने पहुंचे वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा था कि कांग्रेस के 22 विधायक पार्टी छोड़कर चले गए, उनके पास बहुमत नहीं है, इसलिए उनकी तरफ से कोई सुनवाई में नहीं आया।



 भाजपा पर बरसे कमलनाथ  मुख्यमंत्री ने लिखा कि भारतीय जनता पार्टी एक चुनी हुई सरकार को अस्थिर कर रही है और लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या कर रही है। कमलनाथ ने सवाल किया कि आखिर विधायकों से मिलने क्यों नहीं दिया जा रहा है? बीजेपी किस बात से डर रही है? बीजेपी प्रदेश में एक गंदा खेलखेल रही है। बेंगलुरु में भाजपा द्वारा बंधक बनाये गये कांग्रेस विधायकों से मिलने गये कांग्रेस के राज्यसभा उम्मीदवार दिग्विजय सिंह व कांग्रेस के मंत्रियों, विधायकों को मिलने से रोकना, उनसे अभद्र व्यवहार करना, उन्हें बलपूर्वक हिरासत में लेना पूरी तरह से तानाशाही व हिटलर शाही है।



  • दिग्विजय ने कहा- मैं भाजपा के राज में पुलिस से नहीं डरता हूं :- पुलिस हिरासत में दिग्विजय ने कहा, बेंगलुरु में तो भाजपा की सरकार है। पुलिस भी उन्हीं के इशारे पर काम कर रही है। मुझे तो भाजपा के राज में भी उनकी पुलिस के बीच डर नहीं लग रहा। लेकिन भाजपा नेताओं को किस बात का डर है, क्या वे खुद अपनी पुलिस से डर रहे हैं? मैं यहां गांधीवादी तरीके से अपने विधायकों से मिलने आया हूं। उम्मीद है कि वे जल्द लौट जाएंगे। 5 विधायकों से मेरी बात हुई तो उन्होंने बंधक होने की जानकारी दी।

  • मेरे पास ना बम है, ना पिस्तौल, फिर क्यों रोका : दिग्विजय :- दिग्विजय सिंह ने कहा, पुलिस हमें विधायकों से मिलने नहीं दे रही है। मैं मध्य प्रदेश का राज्यसभा उम्मीदवार हूं। 26 तारीख को राज्यसभा चुनाव के लिए विधानसभा में वोटिंग होनी है। हमारे विधायकों को यहां होटल में बंधक बनाकर रखा गया है। वे हमसे बात करना चाहते हैं, लेकिन उनके मोबाइल छीन लिए गए। भाजपा नेता अरविंद भदौरिया और कुछ गुंडे अंदर हैं। विधायकों की जान को खतरा है। मेरे पास हाथ में ना बम है, ना पिस्तौल और ना कोई हथियार है।

  • सुप्रीम कोर्ट ने पूछा-कितने विधायकों के इस्तीफे स्वीकारे? : कांग्रेस की ओर से वकील दृष्यंत दवे ने कहा कि विधायकों की डयटी है कि वो लोगों के लिए काम करे, लेकिन वो चार्टर्ड फ्लाइट और होटल में घूम रहे हैं। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पूछा 22 में से कितने विधायकों के इस्तीफे स्वीकार किए गए हैं? अदालत को जब 6 विधायकों की सूचना दी गई तो जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि जब स्पीकर 6 का इस्तीफा स्वीकार किया, तो क्या उन्होंने सभी 22 के बारे में सोचा.इस अभिषेक मनु सिंघवी ने जवाब दिया कि उन 6 विधायकों के पास कुछ मंत्रालय थे, इसलिए इस्तीफा स्वीकार हुआ। मुकुल रोहतगी ने इस दौरान कहा कांग्रेस की ओर से इस सुनवाई को टालने की कोशिशें की जा रही हैं।

  • मामला संविधान पीठ को भेजा जाए- कांग्रेस : दवे ने आगे कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते हैं. क्या उसके लिए ऐसा तरीका अपनाया जाएगा? इसके बाद जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हम भी राज्य कैबिनेट के काम में अड़चन नहीं डालना चाहते. मतलब राज्य सुचारू रूप से चले, चाहते हैं. दवे ने कहा कि यह साधारण फ्लोर टेस्ट का मामला नहीं.पैसे और ताकत का इस्तेमाल कर लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. पूरी दुनिया एक संकट (कोरोना) जूझ रही है. यहां लोकतंत्र का हरण किया जा रहा है।

  • सुप्रीम कोर्ट में मध्य प्रदेश मामले की सुनवाई :- सुनवाई पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नौ विधायकों की याचिका पर हो रही हैसुनवाई के दौरान कमलनाथ सरकार की ओर से पेश होने वाले वकील दुष्यंत दवे ने कहा है कि 16 विधायकों को अवैध हिरासत में रखा गया है. इसके बाद बागी विधायकों के वकील मनिंदर सिंह ने इसे गलत बताया और कहा कि कोई विधायक हिरासत में नहीं है. इसपर वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि चुने हुए विधायकों को क्षेत्र सेवा करनी होती है।