सारंगबिहरी जबलपुर, संवाददाता। मुख्यमंत्री के ग्रह विकासखण्ड मोहखेड के ग्राम बीजागोरा समीप कन्हान नदी में रेत का अवैध उतखनन तेजी से चल रहा है। रेत माफिया बेखौफ होकर रेत उतखनन कर रहे है और जिम्मेदार विभाग के अधिकारी कुंभकर्णीय नींद सो रहे है। अधिकारियों का गोलमाल रवैया बना हुआ है और कन्हान की रेत को माफिया बेखौफ रेत उतखनन व परिवहन कर राजस्व का लाखों का चुना लगा रहे है। इस मामले को समाचार पत्रो कई प्रकाशित किए जाने के बाद भी कार्यवाही न किए जाने के बजाय जिम्मेदार विभाग मौन बैठा हुआ। अधिकारियों और रेत माफियाओं का सांठगांठ रेत निकालने वाले मजदूरों की मानें तो प्रतिदिन रेत के उतखनन व परिवहन का कार्य किया जाता है.वही ग्रामीणो द्वारा बताया गया कि रेत माफिया खनिज अधिकारियों से मिलकर नदी रेत निकिला जा रहा है। रेत खदानो से रेत उतखनन प्रतिबंध होने के बावजूद रेत का _अवैध खनन खनिज अधिकारियों और रेत माफियाओं की सांठगांठ को उजागर करता है। मुख्यमंत्री ने रोक लगाने दिए थे बहरहाल सत्ता परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अवैध उतखनन को लेकर अधिकारियों को सख्त हिदायत दी थी कि भूमाफियाओं और अवैध करोबार पर कार्यवाई करते हुए तत्काल रोक लगाने निर्देश दिए थे, लेकिन ऐसा लगता है जिला खनिज विभाग के अधिकारियों को मुख्यमंत्री के निर्देश का भय नही लग रहा है.शायद इसलिए ही प्रतिबंध के बावजूद रेत का अवैध उतखनन व परिवहन धडल्ले से चल रहा है। अब यह देखना होगा कि इस मामले पर में क्या कार्यवाही होती है या फिर यह सिलसिला ऐसे ही बदस्तूर चलता रहेगा। सभी घाट बंद फिर भी उतखनन जारी ग्रामीणों के मुताबिक यहा प्रतिदिन सुबह-शाम सौ से अधिक ट्रेक्टर रेत उतखनन किया जाता है। जीवनदायिनी बीजागोरा के समीप कन्हान नदी अपनी दुदर्शा पर आंसू बहा रही है। नदी को सुरक्षित करने की बजाय नदी के चारों ओर अवैध उतखनन किया जा रहा है जिसके कारण नदी का मूल स्वरूप बदलता जा रहा है। रेत उतखनन के लिए सभी घाट को बंद कर दिया गया है इसके बावजूद आसपास के ठेकेदार ट्रेक्टर से कन्हान नदी पर बेखौफ उतखनन कर रहे है। वन चौकी पार कर बैतुल जिले मे जा रही रेत इस कन्हान नदी की रेत रोजाना छिंदवाड़ा जिले के अलावा समीप बैतुल जिले में पहुच रही है। मीडिया की पड़ताल में बताया क्षेत्रवासियों ने बताया कि ग्राम परासिया बैतुल में वनचौकी में है। इस चौकी तैनात वनकर्मी ओमप्रकाश वर्मा है। वह न रात्रि में चौकी में न रहने के बजाय घर में आराम फरमाते है, जो सप्ताह में एक दिन आते है। वही उनकी जगह चौकीदार को तैनात कर दिया जाता है जो रात्रि के समय परिवहन होने वाले अवैध रेत ट्रेक्टरों से वसूली कर पार करते है। वही इस पैसे को चौकीदार और वनकर्मियों द्वारा अपने हिस्से बांट लेते है। पूर्व में हुई शिकायत अवैध रेत तस्करी और वसुली मामले की शिकायत रेंजर के समक्ष पहुंची थी। वही उन्होंने क्षेत्रीय विधायक का हवाला देकर बचाव कर लिया, इसी का फायदा लेकर वसूली का खेल धड़ल्ले से चल रहा है।
माफियाओं और खनिज विभाग की मिलीभगत से चल रहा खेलबीजागोरा कन्हान नदी पर चल रहा धडल्ले से अवैध रेत उतखनन