एजेंसी. नई दिल्ली दिल्ली-एनसीआर में रसोईघरों और वाहनों के लिए गैस ईंधन का खुदरा कारोबार करने वाली कंपनी इंद्रप्रस्थ गैस लि. खुद का गैस मीटर बनाने का काखाना लगाएगी। कंपनी इन मीटरों के लिए चीन से आयात पर निर्भरता कम करना चाहती है। गैस मीटर घरों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों में गैस के उपभोग की गणना के लिए स्थापित किए जाते हैं। आईजीएल के प्रबंध निदेशक ई एस रंगनाथन ने यहां कहा कि कंपनी गैस मीटर कारखाने पर करीब 100 करोड़ रुपए लगाएगी। इसमें आधा खर्च मशीन और संयंत्र पर तथा आधा जमीन और कारखाना भवन पर खर्च होने का अनुमान है। मोदी सरकार के मेक इन इंडिया अभियान के अनुरूप लगाया जाने वाला यह कारखाना राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में होगा। इसमें प्रति वर्ष 10 लाख गैस-मीटर बनाने की क्षमता होगी। रंगनाथन ने बताया कि आईजीएल इस कारखाने के लिए भागीदार तय करने जा रही है और बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है। उन्होंने इसका ब्योरा नहीं दिया। सरकार ने भारत में ऊर्जा के लिए इस्तेमाल हो रहे ईंधन में गैस का हिस्सा बढ़ा कर 2030 तक 15 प्रतिशत पर पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। अभी यह 6.2 प्रतिशत है। आईजीएल दिल्ली में सीएनजी और पीएनजी (पाइस से गैस) के विपणन का कारोबार करती है। देश भर में इस समय करीब 100 शहरों में कंप्रेस्ड गैस वितरण का नेटवर्क है। इससे 90 लाख घरों तथा औद्योगिक प्रतिष्ठानों को फायदा हो रहा है। इसी तरह 35 लाख वाहन सीएनजी से चल रहे हैं। पीएनजी नेटवर्क को बढ़ा कर 400 शहरोंकस्बो में दो करोड़ घरों तक पहुंचाने का लक्ष्य है। आईजीएल अगले वित्त वर्ष में 1100 करोड़ रुपए का निवेश करने वाली है। इसका ज्यादा हिस्सा नए सीएनजी स्टेशनों के निर्माण पर लगेगा। इस माह के अंत तक कंपनी के सीएनजी स्टेशनों की संख्या 559 हो जाएगी। यह अगले साल 60 और सीएनजी स्टेशन जोड़ेगी। आईजीएल इस वित्त वर्ष में 2.8 लाख से तीन लाख की संख्या में नए कनेक्शन देगी। अगले वित्त वर्ष में भी संख्या यही होगी। सीएनजी पेट्रोल से 60 प्रतिशत और डीजल से 45 प्रतिशत सस्ती पड़ती है।
गैस मीटर बनाने का कारखाना लगाएगी इंद्रप्रस्थगैस