नई दिल्ली,एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को निर्भया के चार दोषियों में शामिल पवन गुप्ता की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज कर दी। पवन ने फांसी को उम्रकैद में बदलने की गुहार लगाई थी। इस पर जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच ने कहा कि सजा पर पुनर्विचार करने का कोई सवाल ही नहीं उठता है। उधर, पटियाला हाउस कोर्ट ने भी 3 मार्च को फांसी पर रोक लगाने के लिए दायर दोषी अक्षय सिंह की याचिका ठुकरा दी। कोर्ट ने अभी 17 फरवरी को जारी किए अपने तीसरे डेथ वॉरंट पर रोक नहीं लगाई है। हालांकि, अभी ये साफ नहीं है कि चारों दोषियों को कल सुबह 6 बजे फंदे पर लटकाया जाएगा या नहीं। अक्षय ने याचिका में पटियाला हाउस कोर्ट से कहा था कि उसने नई दया याचिका राष्ट्रपति को भेजी है और इस पर अब तक फैसला नहीं हुआ। उसके वकील के मुताबिक, पिछली दया याचिका में पूरे तथ्य नहीं थे, इसलिए वो खारिज हो गई थी। जब तक दया याचिका पर फैसला नहीं होता है। 3 मार्च को होने वाली फांसी को टाल दिया जाए। इस मामले में तिहाड़ जेल प्रशासन कानूनी सलाह ले रहा है। पहला डेथ वॉरंट (7 जनवरी 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी देने का आदेशएक दोषी की दया याचिका लंबित रहने से फांसी नहीं हुई। दूसरा डेथ वॉरंट (17 जनवरी) 1 फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी देना का आदेश, 31 जनवरी को कोर्ट ने अनिश्चितकाल के लिए फांसी टाली। तीसरा डेथ वॉरंट (17 फरवरी) 3 मार्च को सुबह 6 बजे फांसी का आदेश, दोषियों वकील ने कहा- अभी हमारे पास कानूनी विकल्प बाकी हैं। 16 दिसंबर 2012 6 दोषियों ने निर्भया से दरिंदगी की थी दिल्ली में पैरामेडिकल छात्रा से 16 दिसंबर, 2012 की रात 6 लोगों ने चलती बस में दरिंदगी की थी। गंभीर जख्मों के कारण 26 दिसंबर को सिंगापुर में इलाज के दौरान निर्भया की मौत हो गई थी। घटना के 9 महीने बाद यानी सितंबर 2013 में निचली अदालत ने 5 दोषियों... राम सिंह, पवन, अक्षय, विनय और मुकेश को फांसी की सजा सुनाई थी। मार्च 2014 में हाईकोर्ट और मई 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा बरकरार रखी थी। ट्रायल के दौरान मुख्य दोषी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। एक अन्य दोषी नाबालिग होने की वजह 3 साल में सुधार गृह से छूट चुका है।
दोषियों की स्थिति : सिर्फ पवन के पास दया याचिका का विकल्प
निर्भया के चार दोषियों में से केवल पवन के पास दया याचिका का इकलौता कानूनी विकल्प शेष है। बाकी तीन दोषी विनय शर्मा, मुकेश सिंह और अक्षय ठाकुर पहले ही सभी विकल्पों का इस्तेमाल कर चुके हैं। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट पवन की नाबालिग होने की याचिका और इस पर उसकी रिव्यू पिटीशन खारिज कर दी थी।
फांसी की तारीख 3 मार्च पटियाला हाउस कोर्ट चारों दोषियों के तीन बार डेथ वॉरंट जारी कर चुका है। लेकिन उनके द्वारा कानूनी विकल्प इस्तेमाल करने से फांसी 2 बार टल गई थी। अब फांसी की नई तारीख 3 मार्च है, लेकिन दोषियों वकील एपी सिंह ने दावा किया है- लिखकर रख लो इस तारीख को फांसी नहीं होगी, क्योंकि लूट का एक मामला दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित है।
निर्भया की मां ने दिया भावक बयान
जल्द होनी चाहिए चारो दोषियों को फांसी, आखिर मेरी बेटी की गलती क्या थी
नई दिल्ली । निर्भया की मां आशा देवी ने भावुक बयान दिया है। पवन गुप्ता की क्यूरेटिव पिटीशन पर प्रतिक्रिया करते हुए निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि पटियाला हाउस कोर्ट में आज सुनवाई है। उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं की डेथ वारंट खारिज न हो और चारो दोषियों को निर्धारित तिथि को ही फांसी हो जाए। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में यह केस गया है। हमें समझ नहीं आता की सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले पर अमल क्यों नहीं कर रहा है। आशा देवी ने कहा मैं पूछना चाहती हूं कि हमारी क्या गलती है। आखिर हमारी बेटी की क्या गलती थी? उन्होंने कहा कि वह सरकार से अपील करना चाहती कि अब अविलम्ब चारों दोषियों की फांसी होनी चाहिए। बता दें कि पवन ने अपराध के समय खुद के नाबालिग होने का दावा करते हुए फांसी को उम्रकैद में बदलने का अनुरोध किया है। पवन ने वकील एपी सिंह के जरिए क्यूरेटिव याचिका दाखिल कर मामले में अपील और पुनर्विचार याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को खारिज करने का अनुरोध किया है।