भोपाल । रेलवे हर सप्ताह यात्रियों से विशेष ट्रेनों के नाम पर रूटीन की ट्रेनों की तुलना में 20 फीसदी अधिक किराया ले रहा है। यह अवैध वसूली तीन टेनों के यात्रियों से हो रही है। हजारों यात्रियों से हर सप्ताह वसली जा रही यह राशि करीब 64 लाख रुपए होती है। इनमें से दो ट्रेनें हबीबगंज से व एक भोपाल से चलती है। तीनों ट्रेन सप्ताह में एक-एक दिन चलती हैं। इन ट्रेनों से रेलवे को हर सप्ताह करीब 2 करोड 32 लाख रुपए की कमाई होती है। यह कमाई ट्रेनों के दोनों दिशाओं से चलने पर होती है। यदि इन तीनों ट्रेनों को रेलवे साप्ताहिक और रूटीन के नाम से चलता है तो यात्रियों के 64 लाख रुपए हर सप्ताह बच जाएंगे। ये तो भोपाल रेल मंडल से चलने वाली विशेष टेनों की हकीकत है। दसरे मंडलों से चलकर भोपाल, हबीबगंज, इटारसी व बीना से गुजरने वाली 25 से अधिक ट्रेनों में भी लाखों यात्रियों से भारतीय रेलवे करोड़ों रुपए जबरन वसल रहा है। बता दें कि भोपाल से भोपाल-रीवा विशेष ट्रेन चलती है। यह ट्रेन साल 2017 से प्रत्येक शनिवार चल रही है। इस ट्रेन के चलने की अवधि रेलवे हर दो व छह महीने में बढ़ा देता है। यह ट्रेन रूटीन की ट्रेनों की तुलना में भोपाल से रीवा देरी से पहुंचाती हैं। ट्रेन में विशेष के नाम पर कोई सुविधा भी अलग से नहीं है। फिर भी इस ट्रेन का प्रत्येक श्रेणी में किराया रूटीन की ट्रेनों की तुलना में 19 से 22 फीसदी अधिक है। इसी तरह हबीबगंज से साल 2017 में हबीबगंज-धारवाड व हबीबगंज-अगरतला विशेष ट्रेन चलाई जा रही है। इनमें भी सुविधा सामान्य ट्रेनों की तरह ही है, ये समय भी अधिक लेती हैं। फिर भी इनका किराया 20 फीसदी तक अधिक है। भोपाल-रीवा विशेष ट्रेन 28 लाख, हबीबगंजअगरतला विशेष ट्रेन 1 करोड़ 30 लाख और हबीबगंज-धारवाड़ विशेष ट्रेन 74 लाख रुपए कमाती है। ये ट्रेनें एक सप्ताह में दोनों दिशाओं से चलने पर यह कमाई करती हैं, जो 2 करोड़ 32 लाख रुपए होते हैं। इसकी 20 फीसदी राशि 64 लाख रुपए बनती है जो 'विशेष ट्रेन' के नाम पर अतिरिक्त वसूली जा रही है। भोपाल-रीवा विशेष ट्रेन (02196) भोपाल से रीवा 10 घंटे में पहुंचाती हैं। जबकि रोजाना चलने वाली रेवांचल एक्सप्रेस यही दूरी 9.45 घंटे में तय करती है। हबीबगंज-अगरतला विशेष ट्रेन (01665) इलाहाबाद छिवकी से अगरतला पहुंचने में 1 दिन व 15.35 घंटे लेती हैवहीं रूटीन की ट्रेनें इस दूरी को 1 दिन व 16.30 घंटे में तय कर लेती हैं। हबीबगंज-धारवाड़ विशेष ट्रेन (01664) भोपाल से धारवाड़ की दूरी 1 दिन व 2.30 घंटे में तय करती है। वहीं रूटीन की ट्रेनें यह दूरी 1 दिन व 2.08 घंटे में तय कर लेती हैं। इस बारे में मंडल रेल उपयोगकर्ता सलाहकार समिति भोपाल के पूर्व सदस्य निरंजन वाधवानी का कहना है कि विशेष ट्रेन के नाम पर यात्रियों से सीधी लट की जा रही है। रेलवे इसे तत्काल बंद करे। इसको लेकर रेलवे बोर्ड को पत्र भी लिखेंगे विहीं पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर जोन की मुख्य वक्ता प्रियंका दीक्षित का कहना है कि विशेष ट्रेनों को लेकर रेलवे बोर्ड की नीति होती है। उसके तहत विशेष ट्रेनों को चलाया जाता है।
विशेष ट्रेनों के नाम पर 20 फीसदी ज्यादा किराया वसूली तीन ट्रेनों के यात्रियों से कर रहा है ये वसूली