नई दिल्ली,एजेंसी। निर्भया के गुनहगारों को फांसी देने का नया डेथ वॉरंट जारी करने पर ट्रायल कोर्ट में आज दोपहर 2 बजे सुनवाई होगी। निर्भया के माता-पिता और दिल्ली सरकार ने इसके लिए अर्जी दायर की थी। दोषी विनय शर्मा, मुकेश कुमार सिंह, पवन गुप्ता और अक्षय ठाकुर को 1 फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी दी जानी थी, लेकिन 31 जनवरी को कोर्ट ने इसे अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया था। इधर, दोषी विनय शर्मा ने दया याचिका खारिज करने के राष्ट्रपति के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। उसने खुद को मानसिक रोगी बताते हुए फांसी को उम्रकैद में बदलने की मांग की। इससे पहले, निर्भया के दोषियों को अलग-अलग फांसी देने की मांग को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में अपील की। अदालत ने चारों दोषियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। जस्टिस आर भानुमति की अध्यक्षता वाली बेंच में जस्टिस अशोक भूषण और एएस बोपन्ना की बेंच 14 फरवरी को इस मामले सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ किया कि इस सुनवाई का ट्रायल कोर्ट द्वारा नया डेथ वारंट जारी करने के मामले पर असर नहीं पड़ेगा।
केंद्र ने कोर्ट से कहा- न्याय प्रणाली में भरोसा घट रहा केंद्र की तरफ से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि दोषी रणनीति के तहत केस को लंबा खींच रहे हैं। दोषियों को एक साथ फांसी देने की बजाए, उन्हें अलग-अलग फांसी पर लटकाने की अनुमति दी जाए। मेहता ने कहा कि दुष्कर्मियों का एनकाउंटर होता है, तो जनता खुशी मनाती है। सजा में देरी से जनता का न्याय प्रणाली में विश्वास घट रहा है। मेहता ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद सजा में देरी करने के लिए दोषी पवन गुप्ता ने अभी तक दया याचिका दायर नहीं की है।