प्रशासनिक संवाददाता, भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज कहा कि प्रौद्योगिकी के अधिकाधिक उपयोग से भविष्य का पुलिस बल हथियारों के बजाए प्रौद्योगिकी उपकरण से सुसज्जित होगा। इसलिए अभी से पुलिस को नई नई प्रौद्योगिकी से परिचित होना होगा और उन्हें अपनाना सीखना होगा। कमलनाथ यहां मिंटो हॉल में आईपीएस ऑफिसर्स कानक्लेव 2020 के उदघाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। कमलनाथ ने कहा कि राज्य सरकार इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए पुलिस बल को हरसंभव सहायता उपलब्ध करायेगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भविष्य में मध्यप्रदेश की पुलिस प्रौद्योगिकी के उपयोग की दृष्टि से इतनी दक्ष होगी कि अन्य प्रदेशों के लिए आदर्श होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्थिक विकास बढ़ने के साथ ही भिन्न-भिन्न आर्थिक अपराध भी सामने आ रहे हैं। पुलिस को आर्थिक अपराधों की प्रवृत्ति और प्रकृति से परिचित होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण परिणाम के लिये शासन-प्रशासन के सभी अंगों में समरसता और सौहार्द्र भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि भारत एक विशिष्ट देश है। मध्यप्रदेश स्वयं में विशिष्टि प्रदेश है। यह विविधताओं से भरा-पूरा प्रदेश है। विविधताओं और भिन्नताओं के बावजूद एक बने रहना इसकी सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश न सिर्फ सबसे बड़ा वन प्रदेश है, बल्कि सबसे बड़ी जनजातीय संख्या वाला प्रदेश भी है। इसलिए सामाजिक-आर्थिक विषमताओं और विभिन्नताओं को देखते हुए मध्यप्रदेश में पुलिस के सामने भी कई चुनौतियां हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया तेजी से बदल रही है। तकनीकी और प्रौद्योगिकी के कारण सामाजिक व्यवहार और नजरिये में भी बदलाव आ रहा है। इस बदलाव को पुलिस बल को पहचानना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस प्रशासन का चेहरा होती है। पुलिस समाज को संदेश देने का काम करती है। भारतीय समाज की इसमें बड़ी भूमिका है, क्योंकि सहिषणुता के कारण भारतीय समाज में सबको साथ लेकर चलने की अदभुत क्षमता है। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन को इन बदलावों को समझने और इनके अनुसार रणनीति बनाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की सोच में अलगाव या बंटवारे के विचार की कोई जगह नहीं है। बंटवारे का मतलब है विनाश। राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वी. के. सिंह ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि बदलते हुए वैश्विक परिदृश्य और सामाजिक-आर्थिक ताने-बाने में आ रहे परिवर्तनों को देखते हुए पुलिस की चुनौतीपूर्ण भूमिका को समझने और पूरी दक्षता के साथ इसे स्वीकारने और निभाने के तौर-तरीकों पर विचार करने की जरूरत है। उन्होंने पुलिस बल के लिये आवास सुविधाओं के विस्तार और साप्ताहिक अवकाश जैसे निर्णय लेने के लिये मुख्यमंत्री का आभार जताया। आईपीएस ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय यादव ने दो दिवसीय कॉनक्लेव के उद्देश्य के बारे में विस्तार से बताया। डीजीपी सिंह और आईपीएस ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं विशेष पुलिस निदेशक विजय यादव ने आईपीएस ऑफिसर्स की ओर से मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह भेंट किया।
बिगड़े वनों, पड़त भूमि एवं खेतों में बांस उत्पादन की कार्य-योजना बनाएं : कमलनाथ
भोपाल । मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि बांस उद्योग को प्रोत्साहित कर इसके माध्यम से रोजगार उपलब्ध करवाने के?लिए बिगड़े वन क्षेत्र, पडत भूमि तथा किसानों के खेतों में बांस उत्पादन के लिए समयबद्ध कार्य-योजना बनाई जाए। मुख्यमंत्री ने मंत्रालय में बांस मिशन की बैठक में यह निर्देश दिए। वन मंत्री उमंग सिंघार बैठक में उपस्थित थे। मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि बिगड़े हुए वन क्षेत्रों में और राजस्व की पड़त भूमि पर बांस उत्पादन को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वन विभाग निजी क्षेत्र में किसानों की सहभागिता से बांस उत्पादन के लिए प्रस्तावित कार्य क्षेत्र की योजना बनाएं और उसके क्रियान्वयन की समय सीमा तय की जाए। कमल नाथ ने कहा कि बांस उद्योग में रोजगार की बड़ी संभावना है। इससे ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार उपलब्ध करवा सकते हैं। कमल नाथ ने कहा कि किसानों को भी अपने खेतों में बांस उत्पादन के लिए प्रेरित करना चाहिए और उसके लिए उन्हें हर संभव सहायता दी जानी चाहिए। उन्होंने बांस उद्योगों की कठिनाईयों को दूर करने के लिए संबंधित विभागों में आपसी तालमेल बनाने को कहा। बांस उद्योग से जडे उद्योगों के प्रतिनिधियों ने बैठक में बताया कि बांस उत्पादन से जहाँ एक ओर बांस आपसी तालमेल बन आधारित उद्योगों को बल मिलेगा, वहीं दूसरी ओर बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। प्राकृतिक वनों पर पड़ने वाला दबाव कम होगा। जलवायु परिवर्तन की गति कम करने में सहायता मिलेगी। प्रदेश में बांस को अगरबत्ती, चारकोल, पार्टीकल बोर्ड के निर्माण में तथा कोयले के विकल्प के रूप में ईंधन की तरह उपयोग करने के क्षेत्र में उद्योगों के स्थापना की संभावना है। बैठक में अपर मुख्य सचिव वन ए.पी. श्रीवास्तव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख डॉ.यू. प्रकाशम, मुख्य कार्यपालन अधिकारी मध्यप्रदेश बांस मिशन डॉ. अभय कुमार पाटील एवं अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक संजय कुमार शुक्ला एवं बांस उद्योग से जुड़े डालमिया भारत ग्रुप के महेन्द्र सिंह, आर्टिशन एग्रोटेक के देवोपम मुखर्जी, सुभाष भाटिया एवं अश्विनी पाहुजा उपस्थित थे।