हर वर्गमीटर पर देना होगा 4 हजार रुपए ज्यादा
भोपाल। अगर आप मकान बनने का सपना देख रहे हैं तो अब आपका यह सपना महंगा पडने वाला है।प्रदेश का पंजीयन विभाग अब निर्माण लागत बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। विभाग रियल स्टेट सहित 400 इंस्डट्रीज को बढ़ावा देने के लिए इस योजना पर काम कर रहा है। प्रस्तावित कलेक्टर गाइडलाइन में राज्य स्तर पर यह दाम बढ़ाए जाएंगे। हालांकि खाली प्लॉट या खेती की जमीन खरीदने पर यह कास्ट लागू नहीं होगी। इससे मकान, दुकान, फ्लैट सहित अन्य की रजिस्ट्री महंगी होगी। दरअसल, कलेक्टर गाइडलाइन में राज्य सरकार ने जमीनों की कीमतें ही नहीं बल्कि कंस्ट्रक्शन कास्ट भी 20 प्रतिशत की कमी कर दी थी। प्रदेशभर में जहां शहरी क्षेत्र में कंस्ट्रक्शन कास्ट 10 हजार रुपये प्रति वर्गमीटर से घटकर 8000 रुपये प्रति वर्गमीटर हो गई थी। अब इस रेट को बढ़ाकर 12 हजार रुपये प्रति वर्गमीटर करने की तैयारी की जा रही है। यदि ऐसा हुआ तो आरआरसी, कबेलू या टीनशेड का मकान खरीदने वालों को रजिस्ट्री कराना महंगा पड़ेगा। यह कास्ट शहरी ही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी बढ़ेंगे। केंद्रीय मूल्यांकन समिति की बैठक में इसे मंजूरी मिलना लगभग तय मानी जा रही है। हालांकि खाली प्लॉट या कृषि भूमि खरीदने वालों को कंस्ट्रक्शन कास्ट बढ़ने का असर नहीं पड़ेगा। यही नहीं वर्ष 2020-21 की नई गाइडलाइन के लिए तय होने वाले उपबंधों में से कुछ में परिवर्तन करने की कवायद भी शुरू हो गई है। पंजीयन कार्यालय के सूत्रों की मानें तो पीडब्ल्यूडी ने पंजीयन विभाग को जो कंस्ट्रक्शन कास्ट के रेट दिए हैं, वह 17 हजार रुपये प्रति वर्गमीटर है, जबकि शहरी क्षेत्र की कलेक्टर गाइडलाइन में 8000 रुपये प्रति वर्गमीटर ही कंस्ट्रक्शन कास्ट है। इसे देखते हुए ही पंजीयन विभाग ने कास्ट बढ़ाने का निर्णय लिया है। हालांकि वह केवल 40 प्रतिशत रेट ही बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। बीते वर्ष जमीनों के रेट 20 प्रतिशत कम किए गए थे। इस स्थिति को देखते हुए वर्ष 202021 की नई कलेक्टर गाइडलाइन में जमीनों के रेट बढ़ाए जा सकते हैं। हालांकि ये रेट उन्हीं कॉलोनियों में बढ़ेंगे जहां पर गाइडलाइन से अधिक दामों पर रजिस्ट्रियां हो रही हैं। बहरहाल महानिरीक्षक पंजीयक से लेकर अन्य अधिकारी इस संबंध में कुछ भी बोलने तैयार नहीं है।