भोपाल, संवाददाता। राजधानी के सबसे पुराने सरकारी अस्पताल हमीदिया में भी मरीजों के पलंग जर्जर हालत में है। यहां के पलंग भी सुल्तानिया अस्पताल की हमीदिया चिकित्सालय भोपाल तरह कभी भी टूट सकते हैं और कोई हादसा भी दोत्रीयोविज्ञान संस्थान हो सकता है। बता दें कि सुल्तानिया अस्पताल में मंगलवार को पलंग टूटने से एक महिला कर्मचारी घायल हो गई। हमीदिया अस्पताल में भी कुछ वार्डों में पलंगों की हालत खस्ता हो गई है। पाइप के पलंग हैं वह भी टेढ़े हो गए हैं। इनकी मरम्मत भी नहीं कराई जा रही है। पलंगों के सबसे बुरे हाल हड्डी रोग वार्ड (पटेल वार्ड) के हैं। पटेल वार्ड में करीब 10 साल पुराने पलंग हैं। पलंगों में जोड़ों चुकी है। इसकी बड़ी वजह सस्ते पलंगों की प्रसूताएं हैं। इसके अलावा उनके परिजन भी पलंग पर जंग लगी हैं। पलंगों के पाए बाहर की तरफ खरीदी है। हमीदिया, सुल्तानिया व जेपी तीनों पर बैठ जाते हैं, ज्यादा वजन के चलते पलंग टेढ़े फैल गए हैं। यहां हड्डी के ऑपरेशन वाले मरीज अस्पतालों में कई तरह के पलंग हैं। इनमें कुछ तो हो जाते हैं। अभी तक स्थानीय स्तर पर पलंग की भर्ती रहते हैं। पलंग टूटा तो उन्हें बड़ा नुकसान बहुत ही कमजोर हैं। तीन से चार हजार रुपए में खरीदी की जा रही थी। अब मप्र पब्लिक हेल्थ होगा। इसके अलावा, मेडिकल वार्ड 3 से 7 तक स्थानीय स्तर पर बने पलंग खरीदे जाते हैं। अच्छे सप्लाई कॉरपोरेशन से पलंग खरीदे जाएंगे। भी कुछ पलंगों की हालत खराब हैं। सूत्रों की माने पलंग 10 से 15 हजार में मिल रहे हैं। एम्स में सुल्तानिया अस्पताल में पलंग टूटने की घटना की तो सुल्तानिया अस्पताल में दो बार व जेपी सभी पलंग एक जैसे हैं। सुल्तानिया अस्पताल में डॉ. जूही अग्रवाल की अध्यक्षता में तीन डॉक्टरों अस्पताल में एक बार पलंग टूटने की घटना हो पलंग टूटने की बड़ी वजह एक पलंग पर दो-दो की टीम मामले की जांच कर रही है।