दिल्ली हिंसा : कड़ा रवैया अपनाने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस एस.मुरलीधर का तबादला

मरने वालों का आंकड़ा 24 पहुंचाडेढ़ दर्जन पर एफआईआर व 106 गिरफ्तार


नई दिल्ली,एजेंसी। देश की राजधानी दिल्ली में नागरिकता संशोधित कानून (सीएए) के विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा मामले में कड़ा रवैया अपनाने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस एस मुलरीधर का बुधवार देर रात तबादला कर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एस बोबड़े राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ चर्चा कर एस मुरलीधर का दिल्ली हाईकोर्ट से पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट तबादला कर दिया गया है। राष्ट्रपति भवन ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। ज्ञात हो कि बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया कि सीएए हिंसा के सिलसिले भाजपा के तीन नेताओं द्वारा कथित तौर पर दिए गए नफरत भरे भाषण के लिए प्राथमिकी दर्ज करने में 'सोच समझकर निर्णय' करे। अदालत ने निर्देश दिया कि इस बारे में गुरुवार तक सूचित किया जाए। भाजपा के ये तीन नेता हैं- कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा। जिस पीठ यह फैसला सुनाया, उसमें एस मुरलीधर भी शामिल थे। जस्टिस एस. मुरलीधर और जस्टिस तलवंत सिंह की पीठ ने विशेष आयुक्त प्रवीर रंजन के आश्वासन को रिकॉर्ड में लिया कि वह आज ही पुलिस आयुक्त के साथ बैठक करेंगे और सभी वीडियो क्लीप देखेंगे और प्राथमिकियां दर्ज  करने पर सोच समझकर निर्णय करेंगेदिल्ली को शांत करने की कमान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को सौंपी वहीं, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के उत्तर पूर्व क्षेत्र में दो दिन की सांप्रदायिक हिंसा में अब तक 34 लोगों की मौत हो गई है। फिलहाल गुरुवार को राजधानी में शांति बनी हुई और पुलिस फ्लैग मार्च कर रही है। गुरु तेग बहादुर अस्पताल (जीटीबी) में अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल (एलएनजेपी) में 2 लोगों की मौत हुईवहीं अन्य दो अस्पतालों में दो लोगों की मौत हुई है। घायलों की संख्या 200 के पार बताई जा रही है। मालूम हो कि इससे पहले बुधवार को पुलिस ने बताया था कि 27 लोगों की मौत हुई है। इस बीच दिल्ली पुलिस ने कहा कि उसने हिंसा में कथित भागीदारी को लेकर 106 लोगों को गिरफ्तार किया है और 18 प्राथमिकियां दर्ज की हैं। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) मणदीप सिंह रंधावा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया कि बुधवार को कोई अप्रिय घटना सामने नहीं आई और उत्तर पूर्व दिल्ली से पीसीआर कॉल घट गए हैंखूफिया ब्यूरो के कर्मचारी अंकित शर्मा का शव बुधवार को नाले से बरामद किया गया। वह मंगलवार रात को अपनी ड्यूटी पूरी करके घर लौट कहे थे।


दिल्ली हिंसा : कड़ा रवैया अपनाने वाले जज के तबादले को प्रियंका गांधी ने बताया शर्मनाक


 नई दिल्ली । राजधानी दिल्ली में दंगों की सुनवाई के वक्त पुलिस और सॉलिसिटर जनरल से तल्ख सवाल पूछने वाले न्यायाधीश मुरलीधर का तबदला अब राजनीतिक रूप ले चुका है। विपक्ष इस मुद्दे पर केंद्र सरकार पर सीधे हमले कर रहा है। कांग्रेस पार्टी की तरफ से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने दिल्ली हिंसा और जज ट्रांसफर पर केंद्र पर निशाना साधा। प्रियंका ने जस्टिस मुरलीधर के ट्रांसफर को शर्मनाक कहा वहीं राहुल ने दिल्लीवालों से उकसावे के बीच संयम बरतने की अपील की। राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा, दिल्ली में हुई हिंसा परेशान करनेवाली है और इसकी निंदा की जानी चाहिए। शांतिपूर्ण प्रदर्शन लोकतंत्र का हिस्सा हैं, लेकिन हिंसा को किसी तरह सही नहीं ठहराया जा सकता। मैं दिल्लीवालों से संयम बरतने और समझदारी दिखाने की अपील करता हूं, चाहे कितना ही क्यों नहीं उकसाया जाए। ज्ञापन सौंपने के बाद सोनिया बोलीं


राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपने के बाद सोनिया बोलीं


नई दिल्ली। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और पार्टी के अन्य नेता दिल्ली हिंसा पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को ज्ञापन सौंपने पहुंची। इस दौरान उन्होंने कहा कि दिल्ली में दंगे होते रहे और केंद्र सरकार मूकदर्शक बनी रही। हमने राष्ट्रपति से देश में लोगों की जिंदगी, आजादी और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा है। हमने गृह अमित शाह के इस्तीफे की भी मांग की है। एक सवाल के जवाब उन्होंने कहा कि भाजपा जो कहती है, उसे बोलने दीजिए, हम भी बोलेंगे। क्या देश में लोकतंत्र खत्म हो गया है । ममता पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को अपनी एक कविता में दिल्ली हिंसा की आलोचना की। उन्होंने लिखा, "एक तूफान ने देश को बंदूक की नोंक पर खड़ा कर दिया, एक शांत देश हिंसक हो गया, क्या देश से लोकतंत्र का खात्मा हो गया। इसका जवाब कौन देगा, आखिर इसका हल किसके पास होगा. हम गंगे-बहरे हो चके हैं, एक पवित्र भूमि नर्क में बदल गई है। बुधवार को भी कांग्रेस शांति मार्च निकाला था दिल्ली हिंसा को लेकर बुधवार को भी कांग्रेस ने शांति मार्च निकाला था। कांग्रेस कार्यकर्ता गांधी स्मृति की तरफ बढ़ रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें जनपथ रोड पर ही रोक लियाइसके बाद प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के सभी नेता और कार्यकर्ता वहीं धरने पर बैठ गए। प्रियंका ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार दिल्ली में हिंसा रोकने में नाकाम रही है और इस नाकामी के लिए गृहमंत्री अमित शाह को इस्तीफा देना चाहिए। बुधवार को ही प्रेस कॉन्फ्रेंस में सोनिया ने कहा था, "पिछले कुछ दिनों से हो रही हिंसा सोची-समझी तरीके से हो रही है। दिल्ली चुनाव के समय भी इसे देखा गया था। भाजपा के नेताओं ने भड़काऊ बयान देकर इस हिंसा भड़काया है। एक भाजपा नेता ने पिछले रविवार को भी पुलिस को तीन दिन का अल्टीमेटम देते हुए भड़काऊ भाषण दिया था। गृह मंत्री शाह को इस्तीफा देना चाहिए।