दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की फिक्र किसी को नहीं

 नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्या हम इस वातावरण में जीवित रह सकते हैं? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्लीएनसीआर में प्रदूषण की भयानक स्थिति है और कोई घर में भी सेफ नहीं है। अदालत ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर एक भी पराली जलाने की घटना सामने आती है तो ग्राम प्रधान से लेकर चीफ सेक्रेटरी जिम्मेदार होंगे। उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई होगी। अदालत ने दिल्ली और एनसीआर में आगे आदेश तक तमाम कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन पर रोक लगा दी थी। कूड़ा फेंकने पर पांच हजार का जुर्माना होगा। हाल में कंस्ट्रक्शन पर रोक हटा ली गई है। साउथ दिल्ली में बायोमेडिकल वेस्ट जलाने का मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने आया है। सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा गया है कि 4 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि दिल्ली में कोई भी सॉलिड वेस्ट या गारबेज नहीं जलाया जाएगा, लेकिन इसका उल्लंघन किया गया है। दिल्ली सरकार और म्युनिसिपल कॉरपोरेशन को इसके लिए प्लान बनाने को कहा गया था, ताकि इस तरह के कूड़े और वेस्ट को ओपन में न डंप किया जाए और न जलाया जाए।