मुरैना। राज्य शासन ने प्रदेश की विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा, भारिया और सहरिया बहुल्य क्षेत्रों में 50 सामुदायिक भवनों के निर्माण के लिये 34 करोड़ 50 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की है। इनमें से संभागीय स्तर पर बनने वाले 3 सामुदायिक भवन के लिये 6 लाख रुपये, 10 जिला-स्तरीय सामुदायिक भवन निर्माण के लिये 10 लाख रुपये और 37 विकासखण्ड-स्तरीय सामुदायिक भवन निर्माण के लिये 18 करोड़ 50 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं। प्रदेश में निवास करने वाली आदिवासियों की संस्कृति और उनके देवस्थलों के संरक्षण के लिये आस्ठान योजना शुरू की गई है। योजना के जरिये आदिवासी समुदाय के कुल-देवता और ग्राम देवी-देवताओं के स्थानों में निर्मित देवगुढ़ी, मढ़िया, देवठान पर आने वाले श्रद्धालुओं के विश्राम के लिये सामुदायिक भवनों का निर्माण कराया जा रहा है। इन सामुदायिक भवनों में पेयजल सहित सभी आवश्यक सुविधाएँ होंगी। जबलपुर, ग्वालियर और शहडोल संभागीय मुख्यालय पर 2-2 करोड़ रुपये के मान से राशि मंजूर की गई है। जिला-स्तरीय सामुदायिक भवन निर्माण के लिये 1-1 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। ये सामुदायिक भवन मंडला जिले के मोहगांव विकासखण्ड के ग्राम चौगान, डिंडोरी जिले के डिंडोरी, अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ विकासखण्ड के अमरकंटक, गुना जिले के राघौगढ़ विकासखण्ड के ग्राम लक्ष्मणपुरा, उमरिया जिले के पाली, छिंदवाड़ा जिले के तामिया विकासखण्ड में अनहोनी मेला, मुरैना जिले के पहाडगढ़, शिवपुरी जिले के पोहरी, अशोकनगर जिले के चंदेरी विकासखण्ड के ग्राम नानकपुर और बालाघाट में बनाये जाएंगे। आदिम जाति कल्याण विभाग ने दतिया जिले के भांडेर विकासखण्ड के मरईमाता ग्राम नोबई, अशोकनगर जिले के अशोकनगर, शहडोल जिले के गोहपारू, सोहागपुर, उमरिया जिले के मानपुर, भिण्ड जिले के गोहद, बालाघाट जिले के बिरसा और शिवपुरी जिले के कोलारस में विकासखण्ड स्तरीय सामुदायिक भवन निर्माण के लिए 50-50 लाख रुपये मंजूर किये गये।
आदिवासी क्षेत्रों में 50 सामुदायिक भवनों के लिये 34 करोड़ स्वीकृत