नई दिल्ली,एजेंसी। केंद्र की मोदी सरकार में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया हैं। निर्मला सीतारमण ने कहा कि सोनिया गांधी गलत तरीके से सीएए की तुलना एनआरसी से कर रही हैं, जिसका ड्राफ्ट भी अभी तक तैयार नहीं हुआ है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को पहले कानून पढ़ना चाहिए और जरूरत पड़े तो उन्हें स्पष्टीकरण मांगना चाहिए। निर्मला सीतारमण ने कहा कि लोगों को उनसे बचकर रहना चाहिए जो हिंसा और डर फैला कर उन्हें भ्रम में डाल रहे हैंनिर्मला सीतारमण ने कहा, मैं भारत के सभी नागरिकों से अपील करती हूं कि वे इस भ्रम और डर की स्थिति में नहीं पड़ें। कांग्रेस, तृणमूल और आम आदमी पार्टी के साथ-साथ लेफ्ट पार्टियां संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी को आपस में जोड़कर डर पैदा कर रही हैं जबकि एनआरसी का ड्राफ्ट भी अबतक तैयार भी नहीं हुआ है। वित्त मंत्री ने कहा कि वे देश के प्रत्येक नागरिक से अपील करती हैं कि हताश हो चुकी कांग्रेस, टीएमसीआप और वाम दल जो कर रहे हैंउससे आप लोग प्रभावित ना होंनिर्मला ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानुन किसी भी भारतीय की नागरिकता छीनने के लिए नहीं हैउन्होंने जोर देकर कहा कि इस कानून का किसी भारतीय नागरिक से कोई लेना देना नहीं है। निर्मला ने सोनिया गांधी पर पलटवार करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश के लोगों को भ्रमित और गुमराह कर रही हैं।
मेधा पाटकर का राजघाट पर विरोधलगे 'पाकिस्तान जाओ के नारे
नई दिल्ली । नर्मदा बचाओ आंदोलन चलाने वाली सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों ने राजघाट पर घेराव किया। मेधा पाटकर भाटी माइंस में इन पाकिस्तानी शरणार्थियों के कैप में सविधाओं लेकर पहले संघर्ष करती रही हैं, लेकिन गरुवार को जब राजघाट पर मेधा पाटकर ने जेएनयू में छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई को गलत बताया तो तमाम शरणार्थी भड़क गए और 'पाटकर पाकिस्तान जाओ' के नारे लगाने लगे। मेधा पाटकर को इन लोगों ने न केवल घेराव किया बल्कि उन्हें राजघाट से दर तक खदेड़ भी दिया। गौरतलब है कि दिल्ली के राजघाट में संशोधित नागरिकता कानून के पक्ष में गुरुवार को प्रदर्शन और सभा की गई। पाकिस्तान, बांग्लादेश और अन्य देशों से आए हिंदू तथा दूसरे धर्मों के शरणार्थियों ने इस कानून के में समर्थन किया। प्रदर्शन कर रही एक हिंद शरणार्थी महिला, 'पाकिस्तान ने निकाला है, भारत ने संभाला है' लिखी हुई तख्ती लिए हुए थी। पाकिस्तान, बांग्लादेश और अन्य देशों से आए हिंदू तथा दूसरे धर्मों के शरणार्थियों ने इस कानून के पक्ष में समर्थन किया।